Header Ads

किफायत तिसरा भाई यानी करकसर तिसरा भाई

किफायत तिसरा भाई यानी करकसर तिसरा भाई 

  `किफायत  एक आधा जीवन संघर्ष है। किफायत  ईमानदारी, स्वतंत्रता और खुशी की माँ है; वह आहार, खुशी और स्वास्थ्य की एक सुंदर बहन भी हैं          -डॉ जॉनसन   

     थोड़ी सी जरूरतों का होना और अपनी जरूरतों को पूरा खुद ही पूरी करना इसके जैसा प्यारा कुछ भी नहिं है । जितना राजय चलाने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है; उतना ही ज्ञान की गृहस्थी चलाने की आवश्यकता होती है       -इमर्सन

Economy is third brother
Image Source – Google image by CP Chandrasekhar/Jayati Ghosh

 https://www.thehindubusinessline.com/opinion/columns/c-p-chandrasekhar/post-demo-households-are-saving-and-borrowing-differently/article30008098.ece 

     'जल्दी से कमाया हुआ पैसा खर्च होगा; लेकिन धीरे-धीरे पसीने द्वारा प्राप्त पैसा धीरे-धीरे बढ़ेगा। `                -गेट 

          आपके पदार्थ का संयम से उपयोग करने के कोई निश्चित लाभ नहीं हैं।-लटिन कहावत`किफायत  गरीब लोगों की टंकसाल है।`                                   -टुपर  

     भूमि  में गाढ़ ने के लिए नहीं ; नौकरों की पलटन खड़ी करने के लिए नहिं  लेकिन स्वतंत्र होने के लिए उज्ज्वल अधिकार पाने के लिए, मनुष्य को किफायत  की जरूरत है ।                                                                   -बनर्स

     तुम चाहो जितना ही बुद्धिमान हो; आपके भविष्य के उत्थान के योग कितने मजबूत हैं; लेकिन असंभव आश्रम में न जाना पड़े इस लिए आपको जिस चीज की जरूरत है वह कभी भी महालय प्राप्त करने की आशा उड़ा देना नहीं है। -बल्वर 

         एक गरीब आदमी भी सख्त कर्मवाला किफायटी ओर उत्साह तथा हुन्नरवाला होतो अपने कार्य से  दुनिया को आश्चर्यचकित कर सकता है ।

     लेकिन कंजूसाई और लालच फिर किफ़ायत से दूसरे किसम की चीज है। जो गरीब आदमी केवल एकठे करने के लिए धन जमा करता है उसे कंजूस कहा जाता है। जहां दूसरा  आदमी जहा एक रुपया की जगह एक आना बड़ी मुश्किलसे खर्च करता है, ये  एक कंजूसाई जेसी लालच की छोटा भाई है

    गाई लंदन के एक बुकसेलर, जिसने बाद में एक महान क्लिनिक की स्थापना की थी ,वह  बेहद कंजूस था। वह अपनी दुकान के पीछे रहता था; वह पुराने स्टूल पर बैठकर भोजन करता था; उन्होंने अपने लेखा बोर्ड को एक तालिका के रूप में इस्तेमाल करता था। और अखबार को कपड़े की तरह बिछाता था । उसकी शादी नहीं हुई थी। एक रात हॉपकिंस नाम का एक और उल्लेखनीय कंजूस वहां गया। गाइ, जो अंधेरे में थी, उसने एक मोमबत्ती जलाई और पूछा, आपको क्या काम है उसने कहा "तुम पैसे बचाने के लिए क्या करते हो?" ये मे जानना चाहता हु । हॉपकिंस ने उदेश्य जानने के बाद , ये बात तो हम अंधेरे मे भी कर शकते है एसा कहकर उसने मोमबती बुजादी ये देख कर होपकिन्स बोला "वास्तव में, आप पैसे बचाने में मेरे गुरु हैं।" अब मुझे विशेष पूछने की आवश्यकता नहीं है। आपकी चाबी मेरे हाथ में आ गई है

  किफ़ायतता ओर उदारता जब देश, काल और पात्र के विवेक को भुला देता है ; या ये दोनों हद पार कर जाता है तो दुःख उतपन करता है। केवल इतना ही नहीं बल्कि यह चरित्र को नष्ट कर देता है।

       कई युवाओं को लगता है कि एक बार सफल होने के बाद, वे हमेशा सफल होंगे; और वे एक उत्साह की स्थिति में रहने लगते हैं जैसे कि उनके लिए फिर से असफल होना कभी संभव नहीं है। जैसे कि वह अब डरता नहीं है, वह अपनी जीवन शैली बदल देता है। दुर्भाग्य से सरकार इस तरह का कानून नहीं बना सकती है। जो लोगों की उपज से अधिक खर्च करने के दुर्गुन  को खत्म नहिं कर सकता।

      मूर्ख पुरुषों का उत्थान उनके विनाश का कारण होगा। बरनम कहते हैं "पूंजी प्राप्त करना जितना भी कठिन हो फिर भी उसे संभालना साहि मार्ग पर खर्च करना सब से ज्यादा कठिन है,।कुछ लोग ही पूंजी का सही इस्तमाल कर जानते है। बाकी के कई कमाते हैं और पैसे उड़ा देते हैं; एकत्र करता है और नष्ट कर देता है; लेकिन देश, काल और पात्रों को देखकर उसका अच्छा उपयोग करना उसके लिए बहुत मुश्किल है।

      एक मंदिर के बाद एक बड़ी कांच की खिड़की बन गई, एक कलाकार ने कांच के छोड़े हुए टुकड़ों को उठाया और इसका उपयोग दूसरे मंदिर के लिए पूरे यूरोप में सर्वश्रेष्ठ खिड़कियों में से एक बनाने के लिए किया! उसी तरह कई लड़के लापरवाही से समय के उन टुकड़ों को फेंक देते हैं। इसका अच्छा उपयोग करके, अन्य लोग उत्कृष्ट शिक्षा और बहुत सारी सामग्री प्राप्त करते हैं।

      चरित्र को विकसित करने के लिए मंदिर, घर या दुकान पर ऋण बकाया होना चाहिए। ऐसा तर्क आजकल आधुनिक अर्थशास्त्र का एक हिस्सा बन गया है। लेकिन वास्तव में, ऋण एक प्रकार का बंधन है - एक कलंकरूप है। किसानों को गिरवी रखने की प्रथा को छोड़ देना चाहिए। भले ही हमारे पास भुगतान करने की शक्ति नहीं है, लेकिन यह चोरी करने से कम अपराध नहीं है। इस पुराने जमाने के विचार को ध्यान में रखते हुए, यदि कोई व्यक्ति अपना व्यवसाय शुरू करता है, तो वह एक हद तक सफल होगा, और बुढ़ापे में वह अपने दोस्तों या सरकार के लिए बोझ नहीं होगा।

          अपव्यय और कंजूसाई के बीच के मार्ग का चयन करें। पैसे बचाकर अपने दिमाग को भूखा न रखें। अपनी शक्तियों को बढ़ाने के लिए पैसा खर्च करें; कुछ लोग इतने कंजूस होते हैं कि वे दूसरे लोगों की बात सुनने में बहुत समय लगाते हैं, लेकिन वे पढ़ने लायक किताब या पत्रिका खरीदने के लिए कुछ रुपये खर्च नहीं करते। परिणामस्वरूप, वे कई मामलों में अज्ञान और संकीर्ण विचारों वाले बने रहते हैं। अपने और अपने परिवार के ज्ञान और सुविधा का त्याग करके धन की बचत न करें।

 प्रकृति का हाथ उदार है लेकिन उड़ाऊ होता नहीं है।

      एमर्सन कहते हैं कि प्रकृति सख्ती से किफायत करती है। जो चीज आज बेकार हो जाती है; वह कल कुछ नया उत्पादन करने के लिए इसका उपयोग करता है। वह रेत के एक भी दाने को बेकार नहीं जाने देती। यह हमें बहुत कुछ देती है; लेकिन वह तुरंत उठाता है कि हम जो फेंकते देते हैं और अपने भंडार मे समा लेता है। पतझड़ में फूल और पत्तियाँ झड़ जाती हैं; लेकिन दूसरे वर्ष में इसके माध्यम से सुंदरता के अन्य रूप अधिक उत्कृष्ट हो जाते हैं। हमारे दोस्त हमारे चेहरे को केवल तभी देख सकते हैं जब हम अपने घर में मर जाते हैं; अगर हम कहीं और मर जाते हैं तो प्रकृती हमारे दोस्तों को हमारे चेहरे को देखने का मौका नहीं देती है। उसी क्षण जब प्राण शरीर से बाहर निकल जाता है, तो प्राकृत शरीर को विघटित करना शुरू कर देता है; ताकि शरीर का उपयोग अन्य चीजों के उत्पादन के लिए किया जा सके।

    किफ़ायतता की गुप्त शक्ति से थोड़ा पैसा ज्यादा हो जाता है। खंडित भागों को एक साथ जोड़कर एक अखंड रूप बनाया जाता है, नही जेसी चीज़ मे से सही चीज का चमत्कार निकलता है।इसका नाम कंजूसाई नहिं है लेकिन वह दीर्घ द्रष्टि ओर व्यवस्थाशक्ति है जो शक्ति बेकार चीजों को उपयोगी बनाती है; बेकार चीजें को काम मे  लाता है;  नष्ट होती हुई चिजोमे अभिनव शक्ति जोड़ता है औरहर चीज  मानव की खुशी को बढ़ाने के लिए उपयोग करता है। रेवरेंड विलियम मार्श कहते हैं: "मेरा मन करता है  जैसे पूरे आसमान में सुनहरे अक्षरों में लिखना चाहिए, किफ़ायती बनें। 

   एडमंड बर्क ने एक अवसर पर, आर्थिक सुधारे विषय पर बोलते हुए सीसेरो के ये शब्द बोले थे  कि "किफायतता   एक अच्छी आय है।" लेकिन उन्होंने "आय" शब्द का उच्चारण करने में गलती की इसलिए लॉर्ड नॉर्थ ने उसे इसे सही करने के लिए कहा। लेकिन बर्क ने भी गलती का फायदा उठाया। उन्होंने कहा कि माननीय भगवान कहते हैं कि `आपने सिसरो से उद्धृत किए गए शब्दों के मुख्य शब्द के उच्चारण में गलती की है, लेकिन इससे मुझे खुशी होती है। क्योंकि यह मुझे अमूल्य कहावत को दोहराने का मौका देता है कि `किफायतता एक अच्छी आय है`  का ये शब्द हमे बार बार वजन देके बोलना चाहिए ।

    जॉन जैकब एस्टर ने कहा कि जब कि मुझे करोड़ रुपये पैदा करने के लिए जितना परिश्रम करना पड़ा। उससे ज्यादा मुझे पहले एक हजार रुपये का उत्पादन करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी, जो युवाए एक एक पैसा करके ईकठा  नहीं करते; उन्हें कभी भी पहले हजार रुपये नहीं मिलते हैं और बिना एक हजार रुपये के लाखों या करोड़ों प्राप्त करना संभव नहीं है।

            कम उम्र से यह सिखाना कि "मौजे उड़ाऊ बनाना परवाड़ेगा नहीं " ये  शक्ति, साहस और पुरुषत्व का प्रतीक है। डॉ फ्रेंकलिन ने कहा कि यह पारका की आंख है जो हमें नष्ट कर देती है, हमारे अपने की नहीं। शेक्सपियर ने कहा है की आदमी से ज्यादा फेशन कपड़े ज्यादा फाड़ती है ।  डगलस जेरोल्ड कहते हैं: t ऋण भयानक बुराइयों को जन्म देता है! क्या नीचता, क्या अपमान, क्या चिंता और क्या झूठ वायदा को जन्म देते हैं! उजागर चेहरा समय जाते ही जुरियावाला बना देता है ! अच्छे चेहरे दो खराब बना देता है ! ऋण करने की एक बुरी आदत आदमी को कैसा ह्रदयहिन-प्रपंची बना देता है! जो कर्ज मुक्त होता है उसे ठंडा पानी कितना मीठा होता है और सूखी रोटी उस आदमी को कितनी प्यारी लगती है ! खबरदार, जो आदमी कर्ज लेकर खाता है, भले ही वह हमेशा कंसार-घी खाता हो, उसे दिलचस्प नहीं लगता। अब बात करते हैं कपड़ों की। अगर दर्जी नहीं चाहता कि आपके कपड़े वहाँ से आएँ, तो भी एक फटा कोट आपकी ठुड्डी को उड़ा सकता है! अगर कपदेवाला आपसे कुछ नहीं मांगता है, तो एक पुरानी बंडी आपको क्या खुशी देती है! कितनी सुंदर पगड़ी है जो किसी कर्जदार के उदास मन पर न हो तो भी फटी टूटी हो तो भी कैसे शोभाती है ! एक ऋण-मुक्त व्यक्ति के लिए इस तरह के एक छोटे से घर के लिए और घर के बाहर भी इसका आनंद लेना कितना सुखद है! वह अपने दरवाजे पर दस्तक देकर भयभीत नहीं होता है और सीढ़ियों पर किसी के कदमों की आवाज पर उसका शरीर कांपता नहीं है। वह किसी भी आदमी को मुस्कुराहट के साथ अभिवादन कर सकता है और फिर भी उसकी नब्ज सख्ती से नहीं चलती। बाहर जाते समय किसी भी आदमी को सड़क पर चलते हुए  कैसा देख शकता है! गरीबी सबसे बड़ा दुःख है; ये बात सच है लेकिन कर्ज की प्रत्याशा में, यह आसानी से सहन किया जाता है। मेरा बेटा यदि आप गरीब हैं, तो झरा के बहते पानी को अमृत समान मानना; सात दिनों की सूखी रोटी खाना; एक फटा हुआ लहंगा पहनें और कटारिया को एक गृहस्थ का सबसे अच्छा निवास स्थान मानना; यहां तक कि कर्ज से बारह गांव दूर रहेना । इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी। और कोई तुम पर राज नहीं करेगा।

    यदि कोई दूसरा व्यक्ति आपसे एक पैसा भी माँगता है, तो वह आपको तिरस्कार की नजर से देखेंगा। यदि आप भी किसी से पैसा मांगते हो , तो आपको इसे रूढ़िवादी तरीके से देखे एसा संभाव है, तो बाद में पश्चाताप करने के बजाय शुरू से ही किफायती  क्यों न हों ? 

       जो लोग जितना कमाते हैं उतना खाते हैं, कभी भी उपयोगी कलाओं में ज्यादा  प्रगति नहीं करते हैं। किफ़ायतता एक तरह की शक्ति है। जो लोग किफ़ायती हैं, उनके लिए खुशी और स्वतंत्रता वहाँ रहती है। बहुत से लोगों को पता है कि उनका पतन पैसे उधार लेने की आदत की शुरुआत के साथ होता है।

        हम उस चीज़ से बर्बाद नहीं होते हैं जिसकी हमें वास्तव में आवश्यकता होती है; लेकिन जिसको हम आवश्यक मानते हैं; इसलिए हम नाश होते हैं; इसलिए कभी भी आवश्यकता की तलाश न करें। अगर आपको काहरी की जरूरत है तो वह खोजती हुई आपके लिए घर आएगी। जो आदमी बेकार की चीजें खरीदता है, उसे आगे जाकर उपयोगी चीजें भी बेचनी पड़ती हैं।

        हर लेनदार को उसके पैसे देना एक मानवीय कार्य है। एसा न करना इससे अच्छा भूखे मारना बहेतर है । उधार माल लाके बड़ा व्यापार करने से नगत से छोटा व्यापार करना अच्छा है ।


No comments