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Shree Maa Randal Chalisha In Hindi Hararoj Karnese Aati hai Shukh Or Santati-प्रतिदिन श्री मां रांदल चालिशा हिन्दीमे करने से घर में सुख और संतति आती है।

 Shree Maa Randal Chalisha In Hindi Hararoj Karnese Aati hai Shukh Or Santati-प्रतिदिन श्री मां रांदल चालिशा करने से घर में सुख और संतति आती है।

Shree Maa Randal Chalisha Hararoj Karnese Aati hai Shukh Or Santati-प्रतिदिन श्री मां रांदल चालिशा करने से घर में सुख और संतति आती है।
आशीर्वाद पाने के लिए प्रतिदिन रांदल चालीसा का पाठ करें। नमस्कार दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि मां रांदल चालीसा का रोजाना पाठ करने से आपके घर में सुख-समृद्धि आती है। हाँ, रांदल दोस्तों के बीच सुख और समृद्धि की देवी हैं।
माँ रांदल चालीसा का पाठ करके भक्ति विकसित करें।
 मां रांदल चालीसा का प्रतिदिन पाठ करने से सुख और समृद्धि का मार्ग खुलेगा। आपका परिवार खुशियों और सफलता से समृद्ध होगा।
Shree Maa Randal Chalisha Hararoj Karnese Aati hai Shukh Or Santati


 मा रांदल चालीसा: खुशी और धन की हमारी दैनिक कुंजी है। 
प्रतिदिन माँ रांदल  चालीसा का पाठ करके प्रचुर सुख और समृद्धि को जागृत करें। आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी और उन्नति होगी।प्रतिदिन माँ रांदल  चालीसा का पाठ करके प्रचुर सुख और समृद्धि को जागृत करें। आपके घर में सुख-समृद्धि आएगी और उन्नति होगी।
Shree Maa Randal Chalisha Hararoj Karnese Aati hai Shukh Or Santati


     Maa Raandalka aasheervaad paane ke lie pratidin Raandal Chaaleesa ka paath karen: namaskaar doston, kya aap jaanate hain ki is din maan Raandal Chaaleesa ka paath karane se aapake ghar mein sukh-samrddhi aatee hai. Jee haan, doston Maa Raandal  sukh aur samrddhi kee devee hain. 
Shree Maa Randal Chalisha Hararoj Karnese Aati hai Shukh Or Santati


Maan Raandal Chaaleesa ka paath karake bhakti vikasit karen. Maan Raandal chaaleesa ka pratidin paath karane se sukh aur samrddhi ka maarg khulega. aapaka parivaar khushiyon aur safalata se samrddh hoga.
      Maan Raandal Chaaleesa: khushee aur saantati ke lye aapakee dainik kunjee haai.
Pratidin Maa Rraandal Chaaleesa ka paath karane se sukh aur samrddhi aati hai. Aapake ghar mein sukh-samrddhi aaegee aur unnati hogee.

In Hindi Raanddal चालीसा हिन्दीमे

श्री माँ रांदल चालीसा

:: दोहा ::
धर्म   धजाओ   फरफरे    घोड़ा   खुंदी   गाय
अपंगों   अंगको   पाता, अंध दीखते हो  जाय
बांज  का  ताना टालनेवाली दलवे की दातार
सतियो के सत रखने वाली अनंत माँ का प्यार 
मन    का     मनोरा     बल   राजा   पुरा    करे 
जन्मो       का     ताने     रानी     रांदल     तोड़े

वन्दु   गजानन्द  विघ्न हर,    सरस्वती लागु पाय 
वाणी   आपो शारदा ,  "माँ" रांदल गुण गवाय
नमुन्नरनदे  भावथी , करजो माँ स्वीकारो।
नामुंजगदम्बा मातने , जगनी तारण हार ।
नमु रवि रांदल होसथी, दुखायाना दातार।
नमू  तुजने   माँ प्रेम थी, करजे तू स्वीकार।

जय रांदल माँ  जय मोरी मात,
भजता   रांदल   तळटी   घात,
नमू   रान्नादे    दुःख    हरनार,
बालक      विनवे       बारंबार,
तात    तमारा    विश्व  ज कर्मा,
मात     तमारा   रानी      धर्मा,
सान    थकी    समजावे   सार,
नाम    धर्यु    सज्ञा      निरधार,
 शक्ति    थी     करवाने    सात, 
धरती    पर    आव्या   छे मात,
हतो   त्यारे   भयानक   का,
कोण  कोनी  ले क्या  संभा,
वाचाकिन   'सज्ञा'   ने   काज,
पूज्य   भाव   जाग्यो   छे आज,
पशु  पालन    सौ   लाड   करे,
'सज्ञा'   सौना   कष्ट   हरे   हरे, 
वृष्टि       कीधी         अपरंपार,
रघुन  भक्तने    कष्ट    लगाड,
परचा    थी    पुजाणा      मात,
रांदल   बन्या   जग    विख्यात,
अंध     वृद्धने   आपी     आँख,
ते   नर    पाम्यो    जाणे   पांख,
रक्तपितनी      वृद्धा        रोगी,
तेने     करी   पळमा    निरोगी,
 कीधो    छे     दड़वामा     वास, 
पूरी      कीधी      सौनी    आश,
काळ   काळ   नी   रीते   जाय,
'सज्ञा '   रांदल    थई     पुजाय,
रांदलना      परचा         पंकाय,
सूर्य  देव   पण    मोहित    थाय,
पति पत्त्नी   रवि    रांदल   थाय,
देवो   सघळा     बहु     हरखाय,
पतिव्रता    छे      रांदल       नार,
भूख     दुःखनो       वैठे      भार,
रांदल   विनवे    स्वामी    दयाल,
साकर  जथी    बनो    कृपाळ,
रवि      कहे      हु    छू     लाचार,
कारण    जगना    पालन     हार,
करी      कसौटी    पाम्या    श्राप,
करे          हृदयमा        पश्वाताप,
तेज    पतिना   सहन    न    थाय,
रांदल      माँ     मनमा      मुंजाय,
निज   छाया  कृति   रचना   थाय,
सति    पिता   घेर    पाछा    जाय,
जाणी     वात      थयो      आघात,
खिन्न     थया      छे    रांदल   तात,
तात    कहे      ऐं     सुशिल    नार,
छोडे     ना      जे    निज   भरथार,
भुल      पोतानी      पाम्या      सती,
 खेद      थयो     छे    दिलमा अति,
मृत्यु      लोकनी     लीधी       वाट,
शामाववाने       दिलनी      उचाट,
घोडी       रूप      धर्यु      तत्काल,
तपस्विनी     थई     टाळी     जाल,
छायानो      पण      खुल्यो      भेद,
जाणी    थयो    रवि    राजने   खेद,
प्रायश्चित         करवाने          काज,
श्वसुर    गृहे     आव्या     रवि   राज,
अधिक    तेज     ने   समतल  किधु,
अश्वतणु       रूप      धारी       लिधु,
आव्या      छे     रांदल     नी    पास,
उभरा     करे     छे    'भू'   पर वास,
अश्व       अश्वनी        रुप        अपार,
पृथ्वी       उपर         कर्यो      विहार,
सूर्यलोकना          सुख           अपार,
रांदल      करे      मनमा      रे विचार,
पृथ्वी      पर      थयु   स्वामी   मिलन,
ऋण      चुकववाने      आतुर      मन,
भू    पर    कीधो    माँ      ऐ       वास,
तेनो        छे         अमर       इतिहास,
खोळानो           खूंदनार         देनारी,
तुज      पर       जाऊ     वारी     वारी,
अलूण     तप     थाय      मान    मान्यू,
सीमंत    उपवीत     लग्न    शुभ  काम,
पूजे    रांदल     सुख      संतति    पामे,
इलोरगढ       शुभ       शीतळ    धामे,
सवंत      विस       चुमालिस       नामे,
माँ    रांदल      चालीसा      जो    गाय,
उपनामे    रांदल     आनंद    कहेवाय,
बेनी      ने       दे         माता        भात,
नमु    नमु        हु        रांदल     मातने,
रांदल         तेडे          जे          नरनार,
तेना    दुःख    दूर    करे     माँ   रांदल,
भाव   थकी   रांदल    चालीसा   करशे,
तेना      दुखडा      माँ      रांदल  हरशे,
भूल     चुक     माडी      माफ      करो,
नमु          तमने            कष्ट          हरो,

मनस        अगन      करवा     शमन,
रवि          रांदल        धर         ध्यान,
इच्छीत          फळ        ते      आपशे,
नवल      नी      वधे    ज्ञान  ने   शान,
Shree Maa Randal Chalisha Hararoj Karnese Aati hai Shukh Or Santati-प्रतिदिन श्री मां रांदल चालिशा करने से घर में सुख और संतति आती है।
बोलो    रांदल      मात       की     जय

F.A.Q.: Fiquncy Ask Questions: For Raandal Chalisaa

1. रांदल  चालीसा करने से क्या लाभ होगा?
       हेलो फ्रेंड्स यहां प्रस्तुत है श्री मान रांदल चालीसा इन हिंदी, इसका प्रतिदिन पाठ करने से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। और संतान प्राप्ति के लिए भी ये आशीर्वाद सामान बानी रहेगी 
2. रांदल चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
     दोस्तों आप चाहें तो रांदल को चालीस दिनों में कभी भी कर सकते हैं।
लेकिन अगर आप सही समय चाहते हैं तो सुबह 05:00 बजे के बाद और 08:00 बजे से पहले स्नान कर लें. जिसे सर्वोत्तम एवं उचित समय कहा जाता है। हो शके तो ०८:०० बजे  से पहले करे. 
3. रांदल चालीसा कहाँ और कैसे करना चाहिए?
    रांदल चालीसा को अपने घर में मंदिर की ओर मुख करके रखा जा सकता है। सुबह पूजा के समय आपको स्नान करके, साफ कपड़े पहनकर एक आसन पर बैठना चाहिए और रविदेव (सूर्य देव) और मां रांदल की तस्वीर (फोटो) को मंदिर में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके रखना चाहिए।
4. रांदल चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
      रांदल चालीसा का पाठ 1 से 7 बार और समय हो तो 9 बार या 18 बार किया जा सकता है। एक बार आवश्यक करना चाहिए.
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